Boycott Maldives का असर मालदीव को हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है। भारत और मालदीप का जो विवाद चल रहा है इसमें नुकसान सिर्फ और सिर्फ मालदीप का है। भारत के लिए पाने के लिए बहुत कुछ है लेकिन खोने के लिए कुछ भी नहीं है। जब से पीएम मोदी जी ने Lakshadweep की तस्वीर पोस्ट की और भारत के लोगों को यह कहा कि वह Lakshadweep देखने आए हैं। लक्षद्वीप कितना खूबसूरत है यही बात मालदीप में मंत्रियों को नागवार गुजरी और उन्होंने सीधे टिप्पणी पीएम मोदी पर कर दी और वह टिप्पणी यहां पर नहीं रुके, उन्होंने कहा कि Lakshadweep में क्या सुविधाएं हैं Maldives उससे बेहतर है। इस आपत्तिजनक टिप्पणी की वजह से boycott Maldives trend करने लगा है और मालदीप पर boycott का असर भी दिखने लगा है। आगे इस लेख में जानते हैं की Lakshadweep vs Maldives का दरअसल विवाद क्या है।
Boycott Maldives: Lakshadweep vs Maldives
And those early morning walks along the pristine beaches were also moments of pure bliss. pic.twitter.com/soQEIHBRKj
— Narendra Modi (@narendramodi) January 4, 2024
4 जनवरी 2024 प्रधानमंत्री मोदी अपने Social Media Handle पर Lakshadweep की कुछ फोटोस डालते हैं। हालांकि इन फोटोस में Maldives का कोई जिक्र नहीं था लेकिन Maldives की सरकार में बैठे हुए कुछ पॉलिटिशियन ने इन फोटोस पर कुछ इस तरीके से रिएक्ट करते हैं कि सालों पुरानी दोस्ती दोनों देशों के बीच खतरे में आ जाती है। कुछ ही दिनों में हालात कितने सीरियस हो जाते हैं कि सोशल मीडिया पर Boycott Maldives का trend चलने लगता है। Maldives की सरकार के 3 ministers जिनकी वजह से पूरी कंट्रोवर्सी शुरू हुई। ये वो तीन मॉनिटर्स है, मरियम शिवाना, मालसा शरीफ और अब्दुल्ला मजूम मजीद इन्होंने जो कमेंट किया इंडिया और इंडियन प्राइम मिनिस्टर के ऊपर मानो ऐसा लगता हो insecurity की वजह से किए हो। इनका मानना था कि प्रधानमंत्री मोदी का एजेंडा लक्षद्वीप को मालदीव से बढ़ाने का है लेकिन इन कमेंट्स में कई पर्सनल अटैक्स भी किए गए। मरियम ने twitter पर प्रधानमंत्री मोदी को इजराइल की कठपूतली (puppet of israel) कहा था। उनके साथ वालों ने कहा की यह लक्ष्यद्वीप की फोटोस मालदीव की टूरिज्म इंडस्ट्री को चैलेंज करने के लिए खींची गई है।
अब्दुल्ला मजूम मजीद ने Twitter X पर ये टिप्पड़ी दी- , Lakshadweep vs Maldives
मजीद ने तो इंडियन को स्टीरियोटाइप करके इंडिया के खिलाफ ही कमेंट करने लग गए इन्होंने ओपन यूरिनेशन के विजुअल शेयर किया और कहा कि यह indian culture है। सोशल मीडिया पर इन सब की वजह से पूरी एक लड़ाई की जंग छिड़ गई। जब इंडियन ने यह कहना शुरू किया था कि वह अपनी Maldives की होटल और फ्लाइट बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं। मालदीव की सरकार को इसकी गंभीरता समझ में आई और maldivians फोरेन मिनिस्ट्री ने फिर कहा कि जो ओपिनियन यहां पर उनके मिनिस्टर ने एक्सप्रेस किए हैं वह उनके पर्सनल ओपिनियन है और मालदीव की सरकार के नजरिए को यह रिप्रेजेंट नहीं करते बाद में उनकी सरकार ने इन तीन मिनिस्टर्स को सस्पेंड भी कर दिया। लेकिन बात यहां पर दोस्तों सिर्फ Lakshadweep vs Maldives की नहीं है सिर्फ एक सोशल मीडिया लड़ाई की नहीं है इस पूरी कंट्रोवर्सी के पीछे छुपे हुए एक नफरत की पॉलिटिक्स एक जिओ पॉलिटिक्स एजेंडा जिसकी वजह से यह सब हुआ है।
एक चीज तो आप सब लोग जानते होंगे कि मालदीव एक बहुत छोटा सा देश है। पूरी population इस पूरी country की सिर्फ 5 लाख लोगों के लगभग है। बहुत से आइलैंड से यह देश बना है। हजार से ज्यादा आइलैंड है लेकिन 1000 से ज्यादा आइलैंड में से सिर्फ 200 के करीब आइलैंड ही inhabited है जहा पर इंसान रहते हैं।
लेकिन इन 200 में से 150 से ज्यादा आईलैंड रिजॉर्ट आइलैंड है यानी प्राइवेट कंपनी को बेचे जा चुके हैं और उन कंपनी ने अपने बड़े-बड़े रिजॉर्ट खोल रखे हैं।
Most tourist traveling to maldives 2023 – Boycott Maldives
जाहिर सी बात है पूरा देश टूरिज्म पर बहुत ज्यादा depand करता है 28% पर मालदीव्स का जो GDP है वह टूरिज्म पर डिपेंड करता है और 90% सरकार के पास जो टैक्स का revenue आ रहा है वह import duties और टूरिज्म रिलेटेड टैक्स से आता है और एक इंटरेस्टिंग बात यहां पर इंडिया नंबर 1 देश है अगर मालदीव्स में से आने वाले टूरिज्म की संख्या देखते हैं। 2023 में 2 लाख से ज्यादा इंडियन टूरिस्ट मालदीप घूमने गए होटल में 175 लाख टूरिस्ट इस साल मालदीव्स में आए थे तो आप सोच सकते हो 5 लाख की पॉपुलेशन के देश में एक साल में 17 लाख से ज्यादा टूरिस्ट आ रहे हैं। लेकिन इंडिया और मालदीव्स का जो रिश्ता है वह टूरिज्म से कहीं ज्यादा और गहरा है और दोनों देशों के बीच में मिलिट्री कॉरपोरेशन भी देखने को मिला है।